ग्रामीण पत्रकारिता अवसर और चुनौतियां

Dr Ashok Kumar Meena
अतिथि व्याख्याता, हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविधालय, जयपुर, राजस्थान Email: kumarashokam@gmail.com, Mobile: 9414222436 Address: C-123, Residential Colony, RIICO Area Kukas, Delhi Road Jaipur, (Raj.) 302028
भारत गांवों का देश है। शिक्षा के प्रसार के साथ अब गांवों में भी अखबारों और अन्य संचार माध्यमों की पहुंच हो गई है। अब गांव के लोग भी समाचारों में रुचि लेने लगे हैं। यही कारण है कि अब अखबारों में गांव की खबरों को महत्व दिया जाने लगा है। अखबारों का प्रयास होता है कि संवाददाता यदि ग्रामीण पृष्ठकभूमि का हो तो अधिक उपयोगी होगा। हर गांव एक खबर होता है और इस एक खबर के अंदर अनेक खबरें होती हैं। पत्रकार यदि समय समय गांव का दौरा करते रहें और वहां के निवासियों के निरंतर सम्पर्क में रहे तो उन के पास कभी खबरों का टोटा नहीं होगा। गांव के नाम पर कई पत्रकार नाक भौं सिकोड़ने लगते हैं मगर ऐसा ठीक नहीं। माना गांव में पत्रकारों को वह सब नहीं मिलता जो शहरों में मिलता है। अगर आपको गांव जाने का चस्का एक बार लग गया तो फिर आपके लेखन की दिशा ही बदल जाएगी। सामान्य रुटीन समाचारों के अतिरिक्त गांव में समाजिक सरोकारों से जुड़े ऐसे समाचार होते हैं जो पाठकों को नया अनुभव देते हैं। समय-समय पर गांवों में विभिन्न सरकारी योजनाएं चलती रहती हैं इन योजनाओं से गांवों में आए बदलाव के साथ साथ योजना में भ्रष्टा चार के समाचार भी गांव के हित में होते हैं। अगर इन योजनाओं पर पत्रकार पैनी नजर रखेंगे तो योजना का जो लाभ मिल रहा है वह और अधिक मिलने लगेगा क्योंकि जब योजना लागू करने वालों को पता चलेगा कि इस पर पत्रकार की नजर है तो वह गलत काम करने से पहले सोचेगा और गलत काम करने से बचेगा। इस प्रकार गावों की खबरों का महत्तव स्वतः ही लगातार बढते जाने लगा है।

Highlights