शिक्षकों की कार्य संतुष्टि एवं मानसिक स्वास्थ्य का शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रभाव
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Published on: Jun 30, 2025
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Co-Authors: प्रोफेसर (डॉ) चंदन सहारण
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DOI: CIJE20251021156_57
URMILA YADAV
उर्मिला यादव शोधार्थी, महर्षि अरविंद विश्वविद्यालय, जयपुर
Co-Author 1
प्रोफेसर (डॉ) चंदन सहारण
शोध निर्देशिक/विभागाध्यक्ष, शिक्षा विभाग, महर्षि अरविंद विश्वविद्यालय, जयपुर
अध्ययन का उद्देश्य यह समझना है कि शिक्षकों की कार्य संतुष्टि और मानसिक स्वास्थ्य उनकी शैक्षणिक कार्यक्षमता, शिक्षण पद्धति और विद्यार्थियों के साथ व्यवहार पर किस प्रकार प्रभाव डालते हैं। कार्य संतुष्टि से तात्पर्य उस स्थिति से है जहाँ शिक्षक अपने कार्य, वातावरण, वेतन, सहकर्मियों और प्रशासकीय समर्थन से संतुष्ट होते हैं। मानसिक स्वास्थ्य का तात्पर्य उनकी भावनात्मक स्थिरता, तनाव सहनशीलता और कार्यस्थल पर संतुलन बनाए रखने की क्षमता से है। शोध में यह पाया गया कि जिन शिक्षकों की कार्य संतुष्टि अधिक थी और मानसिक स्वास्थ्य स्थिर था, वे अधिक प्रभावी शिक्षण में सक्षम थे, उनका विद्यार्थियों से संबंध सकारात्मक था, और वे नवाचार अपनाने में रुचि रखते थे। वहीं, असंतुष्ट और मानसिक तनाव से ग्रस्त शिक्षक शैक्षणिक गतिविधियों में कम रुचि लेते हैं और शिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इस शोधअध्ययन का निष्कर्ष यह है कि विद्यालयों को शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्य संतुष्टि को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हो सके।