विकास की अवधारणा : हिन्द स्वराज और उत्तर गांधी परिदृश्य

Mahesh Kumar
सहायक आचार्य, राजनीति विज्ञान विभाग राजकीय कला महाविद्यालय सीकर Email- Maheshbhaskar1@gmail.com, Mob-9414441475
विकास शब्द का प्रयोग व्यापक अर्थ में किया जाता है। सामान्यतः किसी भी स्थिति में बदलाव विकास कहलाता है। यह परिवर्तन की उस गति को दर्शाता है जिसके अन्तर्गत एक अवस्था दूसरी अवस्था का स्थान लेती हुई आगे बढ़ती है। यह मूल्यपरक अवधारणा है। हर परिवर्तन से विकास नहीं होता बल्कि जब परिवर्तन एक निश्चित लक्ष्य कर ओर नियोजित ढंग से होता है, तो इसे विकास कहते हैं। यह एक बहुआयामी अवधारणा है उसके अनेक पहलु हैं। जैसे - कृषि, व्यापार, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा इत्यादि। इसी के साथ कमजोर वर्गों, महिलाओं, बीमारों, बुजुर्गों, बेरोजगारों तथा अल्पसंख्यकों के कल्याण को रखा जाता है।

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