दिल्ली राज्य में प्राथमिक विद्यालयों के सामान्य एवं मुस्लिम विद्यार्थियों के नामांकन का तुलनात्मक अध्ययन

Jitendra Singh
सहायक आचार्य सम्बल कॉलेज ऑफ एज्युकेशन नवलगढ़ रोड़, शिवसिंहपुरा, सीकर Email-jjsspk@gmail.com, Mobile-7017557058
किसी भी स्वाधीन देष में उच्च गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक षिक्षा प्रणाली को स्थापित करने के लिए 64 वर्ष का समय एक लम्बा अरसा प्रतीत होता है। परन्तु सच्चाई यही है कि भारत अभी भी अपने सभी बच्चों को प्राथमिक षिक्षा देने के अपने संकल्प को हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहा है। न केवल उन्हें शालाओं में भर्ती कराना वरन् उनकी पढ़ाई को जारी रखना भी, आज दिन तक एक समस्या बनी हुई है। एम.एच.आर.डी. द्वारा जारी एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार ”देष भर में स्कूल न जाने वाले बच्चों में बिहार में 46 लाख, उत्तरप्रदेष में 40 लाख, पष्चिम बंगाल में 30 लाख, उड़ीसा में 20 लाख, असम में 13 लाख, झारखण्ड में 10 लाख, मध्यप्रदेष में 7 लाख और राजस्थान में 8 लाख बच्चे अभी भी स्कूलों से दूर है।

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