ग्रामीण क्षेत्र व शहरी क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के बालकों व बालिकाओं में निर्णय क्षमता का अध्ययन करना

Laxman Lal Meena
सहायक प्राध्यापक एमवीएम टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, प्रतापगढ़, राजस्थान Email- mamtagayri1232@gmail.com, Mob.-8290547153
शिक्षा मनुष्य के सामान्य व्यवहार के साथ-साथ विशिष्ट व्यवहार को भी सर्वोत्तम ढ़ंग से सम्पादित करती है। शिक्षा के अभाव में मनुष्य नाम मात्र का रह जाता है। मनुष्य की वास्तविक पहचान शिक्षा द्वारा ही सम्भव है। शिक्षा ही मनुष्य के मानसिक, नैतिक, आध्यात्मिक, बौद्धिक विकास में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से सहायक होती है। मनुष्य जिज्ञासु है, पर उसकी जिज्ञासापूर्ण उम्मीदों को वास्तविकता का रुप देने में शिक्षा का योगदान रहा है। शिक्षा एक ऐसा सूरज है जो मनुष्य को प्रकाशमान करता है और इससे प्रवर्तित किरण परिवार, समाज, देश के साथ पूरी दूनिया को चमकाती है। शिक्षा मनुष्य का एक ऐसा इत्र है जो अपनी खुशबू से पुरे समाज को सुगन्धित करती है। शिक्षा हमें जीवन जीने की कला सिखलाती है। तथा मनुष्य में सद्चरित्र का निर्माण करती है।

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