एस.आर.हरनोट के कहानी संग्रह ‘दारोश तथा अन्य कहानियों’ में सामाजिक जीवन
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Published on: Jun 30, 2025
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DOI: CIJE20251021153
Gurpreet Kaur
शोधार्थी हिंदी विभाग, पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा Email: guridhillon33g@gmail.com, Mobile-98159 11164
व्यक्ति के जीवन में समाज और सामाजिक संस्थाओं की महती भूमिका होती हैI समाज में रहकर और सामाजिक संस्थाओं द्वारा व्यक्तित्व निर्माण का कार्य संपन्न होता हैI इसलिए मानवीय जीवन में समाज को सर्वोपरि माना जाता हैI साहित्यकार समाज की इस प्रक्रिया को बहुत सूक्ष्मता से महसूस करता है और अपनी रचनाओं में पात्रों द्वारा सामाजिक जीवन का चित्रण करता हैI लेखक की दृष्टि समाज के सभी पक्षों को चित्रित करने की होती है, जिसके आधार पर शोध द्वारा इसके विविध पक्षों का विश्लेषण किया जाता हैI समकालीन हिंदी के कहानीकारों में एस. आर. हरनोट विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। हरनोट की रचनाओं में सामाजिक जीवन की न केवल झलक देखने को मिलती है अपितु उनका सम्पूर्ण साहित्य ही सामाजिक जीवन को प्रस्तुत करता है। उनकी कोई भी कहानी ऐसी नहीं है जिसमें सामाजिक जीवन के दर्शन न होते हों। उन्होंने किसी वर्गगत भेदभाव के बिना सामाजिक जीवन का चित्रण किया है। उन्होंने अपने जीवन में अभाव और संघर्ष देखे हैं, वही अभाव एवं संघर्ष उन्होंने अपनी कहानियों में प्रस्तुत किए हैं। हरनोट की कहानियां सहानुभूति के साथ-साथ स्वानुभूति से भी परिपूर्ण हैं। इनकी कहानियों में दलित चिंतन, स्त्री समस्याएं, पर्यावरण तथा आदिवासी पहलुओं को चित्रित किया गया है। हिमाचल प्रदेश की संस्कृति को दिखाने के साथ-साथ, उस संस्कृति के लोगों विशेषकर निम्न वर्ग, दलित और स्त्रियों की समस्याओं को बखूबी प्रस्तुत किया है। हाशिए पर खड़ी श्रेणी की बात जब वे करते हैं, तो पात्र इतनी संजीदगी से प्रस्तुति देते हैं मानो वे दृश्य हमारी ही आँखों के सामने घटित हो रहा है। समाज के लोगों का रहन-सहन, अंधविश्वास, रीति-रिवाज आदि पर कहानीकार ने अपनी लेखनी चलाई है। किसी विशिष्ट व्यक्ति का जीवन न लिखकर हरनोट ने बच्चे से लेकर बुजुर्ग, स्त्री से लेकर पुरुष, साधारण जनता से लेकर राजनीतिक वर्ग, गाँव से लेकर शहर, पढ़े-लिखे लोगों से लेकर अनपढ़, अमीर से लेकर गरीब, धर्म से लेकर अंधविश्वास, पेशे से लेकर जाति तक के हर प्रकार के सामाजिक जीवन को अपनी कहानियों में आकार दिया है। प्रस्तुत शोध पत्र में एस.आर.हरनोट के कहानी संग्रह ‘दारोश तथा अन्य कहानियां’ में सामाजिक जीवन को विश्लेषित करने का प्रयास किया गया हैI