अनपढ़ जाट पढ़ा जैसा, पढ़ा जाट खुदा जैसा

Dr Ram Kumar Singh
आचार्य, हिन्दी, राजकीय कला महाविद्यालय, सीकर Email-ramkumarsingh 358@gmail.com, Mob.- 94601 66640

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डॉ. राजेन्द्र कुमार, आचार्य, राजनीति विज्ञान, राजकीय कला महाविद्यालय, सीकर
लार्ड बेकन की एक प्रसिद्ध उक्ति है कि किसी राष्ट्र की प्रतिभा, विदग्धता तथा उसकी अन्तरात्मा का दर्शन उसकी कहावतों से ही होता है। किसी देश विशेष की कहावतों से उस देश के इतिहास, रीति-रिवाज, धारणाएँ, विश्वास, जीवन-पद्धति आदि का ज्ञान हमें होता है। कहावतों के अध्ययन से हमें यह भी जानकारी मिलती है कि उस देश का कितना अधिक सम्बन्ध दंतकथा, इतिहास और काव्य से है। देवी-देवताओं की पौराणिक गाथाओं के असंख्य प्रसंग तथा इतिहास की अनेक घटनाओं की जानकारी हमें इन कहावतों से मिलती है। ऐसी बहुत सी कहावतें हैं, जिनका सम्बन्ध इतिहास की प्रसिद्ध घटनाओं से है जो बाद में साहित्य, इतिहास और लोगों की जुबान पर चढ़कर लोक में प्रचलित हो गई। ऐसी ही एक कहावत है- "अनपढ़ जाट पढ़े जैसा, पढ़ा जाट ख़ुदा जैसा"। इस कहावत का रोचक इतिहास हैं जो दिल्ली के बादशाह बलबन से जुड़ा हुआ है।

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