शिक्षा कार्यक्रम में सृजनात्मक अभिव्यक्ति का विकास
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Published on: Sep 30, 2024
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Co-Authors: डा. विनोद कुमार उपाध्याय
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DOI: CIJE2024931027_28
Priyanka sharma
पी एचडी शोधार्थी महाराज विनायक ग्लोबल विश्वविद्यालय, जयपुर
Co-Author 1
डा. विनोद कुमार उपाध्याय
प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष, महाराज विनायक ग्लोबल विश्वविद्यालय, जयपुर
परिचय: सभी बच्चों में सृजनात्मक क्षमता होती है यद्यपि उसकी श्रेणी में अंतर हो सकता है। बच्चों को जितना ज्ञान और अनुभव दिया जाएगा अपने सृजनात्मकता प्रयासो के लिए उन्हे उतनी ही सुदृढ नींव मिलेगी। एक प्रेरक वातावरण बच्चे की सृजनात्मकता को बढ़ावा देता है। सृजनशीलता की कल्पना, चिन्तन, उत्पादन आदि की दृष्टि से देखा जाता है। किसी नई वस्तु का पूर्ण या आंशिक उत्पादन सृजन कहलाता है। कला, साहित्य और ज्ञान के अन्य क्षेत्रों में सृजनात्मकता का एक-दूसरे से घनिष्ट सम्बध हैं बच्चो में सृजनात्मकता अभिव्यक्ति के विकास के लिए शिक्षा का अनिवार्य कर्तव्य है।