मिश्रित अधिगम : एक अभिनव अवधारणा

Sitaram Choudhary
शोधार्थी, श्याम विश्वविद्यालय, दौसा Mobile-9928956711 Email-Sitaramchoudhary2550@gmail.com

Co-Author 1

लोकेश कुमार बड़गूजर
शोधार्थी, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
वर्तमान में षिक्षा प्रणाली एक निरंतर परिवर्तित अवस्था में है। विस्तार की चुनौतियों को पूरा करने के लिए और व्यक्तियों की जरुरतों को निभाने के लिए नई तकनीकों को अपनाने के लिए और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण षैक्षिक अवसरों के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए नए रास्ते तलाषने की आवष्यकता है, साथ ही साथ विभिन्न कारकों, जैसेः बजट में अभाव, सु-माध्यमों की कमी, आमने-सामने की गयी बातचीत के फायदे, यह ज्ञान हस्तांतरण के पारंपरिक तरीकों को छोड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है। यहां तक कि छात्र दोहरे दिमाग की स्थिति में है। जब षिक्षक प्रषिक्षुओं के एक समूह से षिक्षण के तरीके के बारें में पूछताछ की गई तो उनके द्वारा वे परंपरा कक्षा षिक्षण को पहल देगें और आईसीटी समर्थित षिक्षण छात्रों को लगभग दोनों विकल्पों के बीच समान रुप से विभाजित पाया गया।

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