बोंडा आदिवासी समाज एवं शिक्षा

Km Rakhi
असीस्टेंट प्रोफेसर, एमीनेंट टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, सोडा डीगी गाँव-गढी शब्लू, पोस्ट ऑफिस-लोनी, जिला-गाजियाबाद, पिन कोड-201102 Email-rakhisingha333@gmail.com, Mob.- 9650820194
भारत में आदिवासी समाज को दो वर्गों में विभाजित किया गया है-अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित आदिम जनजाति। आदिवासी लोग अपनी संस्कृति एवं रीति-रिवाजों का भली-भांति प्रकार से पालन करते है। इनका अन्य किसी धार्मिक सम्प्रदाय समूह से सीधा संपर्क नही होता है अतः ये समुदाय अपने आदिवासी रिवाज के अनुसार ही विवाह एवं अन्य क्रियाए करते है। इनकी प्रथागत एंव जनजातीय आस्था के अनुसार विवाह और उŸाराधिकार से जुडे अन्य मामलो में सभी विशेषाधिकारों को बनाए रखने के लिए इनके जीवन का अपना तरीका है। यह समाज क्षेत्रीय समूह में रहता है। सीमित परिधि तथा लघु जनसंख्या के कारण इनकी संस्कृतियों के रूप में स्थिरता रहती है, किसी एक काल में होने वाले सांस्कृतिक परिवर्तन अपने प्रभाव एवं व्यापकता में अपेक्षाकृत सीमित होते हैं। परंपरा केद्रित आदिवासी सांस्कृतियाँ इसी कारण से अपने अनेक पक्षों में रूढिवादी से दीख पड़ते है।

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