जीवनपर्यंन्त सीखना
Ram Gopal Jeetarwal
शोधार्थी, मोहनलाल सुखड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर Mobile-7792048424 Email-ramgopal3939@gmail.com
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डॉ. जेहरा बानो, सह आचार्या, विद्या भवन गोविंदराम सेकसरिया शिक्षक महाविद्यालय, उदयपुर
प्रस्तुत प्रपत्र में ‘आजीवन सीखना, शीर्षक पर चर्चा की जायेगी। आजीवन सीखना एक सदियों पुरानी अवधारणा है, लेकिन हाल ही में इसकी लोकप्रियता में वृद्धि देखी गई है। यह सब ई-लर्निंग के आगमन और अग्रणी उद्योगों में निरंतर कौशल-अंतराल के कारण है। आजीवन सीखना समग्र शिक्षा पर केंद्रित है। ये ऐसी शिक्षा का संकेत देते हैं जो पारंपरिक शिक्षा प्रस्तावों और आधुनिक सीखने के अवसरों को एकीकृत करती है। इसमें लोगों को सीखने के तरीके को आगे बढ़ाने वाली सामग्री, प्रक्रिया और पद्धतियों का चयन करने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया गया है।