राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आलोक में शिक्षक प्रशिक्षण की पुनर्रचना

Vikas Saini
Dr. Vikas Saini, Faculty of Education, Institute of Advanced Studies in Education (Deemed to be University), Sardarshahar

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शिक्षा किसी भी राष्ट्र के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है और इस प्रणाली में शिक्षक उसकी आत्मा के रूप में कार्य करते हैं। एक कुशल, संवेदनशील और सृजनात्मक शिक्षक न केवल ज्ञान का संवाहक होता है, बल्कि वह विद्यार्थियों के जीवन में नैतिकता, नेतृत्व और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना भी विकसित करता है। इसी आधार पर, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में प्रस्तुत की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (छम्च् - 2020), एक ऐतिहासिक पहल के रूप में सामने आई, जिसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप रूपांतरित करना है। छम्च् . 2020 में विशेष बल शिक्षक प्रशिक्षण (ज्मंबीमत म्कनबंजपवद) पर दिया गया है। नीति इस बात को स्पष्ट रूप से स्वीकार करती है कि ‘‘शक्षा की गुणवत्ता, शिक्षक की गुणवत्ता से ही निर्धारित होती है’’ अतः यह अनिवार्य हो गया है कि शिक्षक शिक्षा प्रणाली को नवीन, समावेशी, व्यवहारिक, मूल्यपरक और डिजिटल रूप से सक्षम बनाया जाए। यह शोध-पत्र इन बिंदुओं पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है।

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