सह-शैक्षिक गतिविधियाँ बालक के व्यक्तित्व विकास का आधार
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Published on: Sep 30, 2024
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DOI: CIJE2024931010
Shailja Beniwal
पी.एचडी शोधार्थी, टांटिया विश्वविद्यालय, श्रीगंगानगर Email-beniwalshailja@gmail.com, Mobile-7976124289
शिक्षा वह है जो बालक का सर्वागीण विकास करे यथा-शारीरिक,मानसिक,आध्यात्मिक विकास करते हुए बालक को राष्ट्र का सुनागरिक बनाये। क्योंकि बालक ही राष्ट्र का भावी कर्णधार है-जिसका सर्वागीण विकास हम सब का नैतिक कर्तव्य है बालक ही भावी राष्ट्र निर्माता है। अतः उसका चहुंमुखी विकास अनिवार्य है। बालक में राष्ट्रीय मूल्यों, नैतिक मूल्यों, मानवीय मूल्यों का अधिकतम समावेश हो और वह समाज और राष्ट्र के लिए एक उपयोगी नागरिक बन सके।इस हेतु शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों में सह शैक्षिक गतिविधियों का वर्षपर्यन्त आयोजन किया जाता है। पाठ्यक्रमी शिक्षा के साथ-साथ विद्यालय में अन्य सहशैक्षिक गतिविधियों का संचालन शिक्षा विभागीय निर्देशानुसार किया जाता है।