शिक्षा में नए रुझान और आधुनिक दृष्टिकोण-एन टी एम ए ई- 24

Anita Kansotiya
शोधार्थी-शिक्षा शास्त्र महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर Mobile-9414472763 Email-anitakumarikansotiya@gmail.com

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डॉ. राम गोपाल शर्मा
शोध निर्देशक प्रोफेसर, राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षण संस्थान अजमेर
शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। फ्रोबेल के अनुसार शिक्षा व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमताओं को बाहर प्रकट करती है। देशकाल परीस्थिति के अनुसार शिक्षा का स्वरूप बदलता रहता है, औपचारिक, अनौपचारिक,निरोपचारिक शिक्षा समाज में चलती रहती है। शिक्षा का स्वरूप सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक दोनों है, यह शिक्षक, शिक्षार्थी, वातावरण या पाठ्यक्रम के बीच चलने वाली प्रक्रिया है (जॉन डीवी)। अतः शिक्षा के सैद्धांतिक पक्ष को अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए शिक्षण पद्धतियों, शिक्षण उद्देश्यों, शैक्षिक प्रबंधन में परिवर्तन होता रहता है। भूमंडलीकरण, तकनीकी विकास ,मनोवैज्ञानिक, वैज्ञानिक ज्ञान में वृद्धि, जनसंख्या वृद्धि, औद्योगिकरण एवं ज्ञान का विस्फोट आदि ने शिक्षा के विभिन्न पक्षों में परिवर्तन ला दिया है आधुनिक शिक्षा में होने वाले नए-नए परिवर्तनों, आविष्कारों को ही शिक्षा में नवाचार के रूप में जाना जाता है। वर्तमान युग, वैज्ञानिक युग है पाश्चतिकरण एवं आधुनिकीकरण की ओर बढ़ता जा रहा है। वैज्ञानिक साक्षरता को बढ़ावा देते हुए अभी तथ्यात्मक एवं सैद्धांतिक ज्ञान पर अधिक बल दिया जाने लगा है। इसमें अनुसंधान की भाषा, कार्य कारण संबंध बताने वाली विज्ञान की भाषा पर आधारित ज्ञान की और भी विश्व उन्मुख होने लगा है। शिक्षा में एक महत्वपूर्ण नवाचार है सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी। जो शिक्षा को वैश्वीकरण के इस युग में तथ्यात्मक वैज्ञानिक ज्ञान पर निर्भर कर आधुनिकता के समीप ला रहा है, आज अत्यधिक तकनीकी विकास हो चुका है जिससे लोगों की शारीरिक दूरियां बड़ी है परंतु मानसिक दूरियों में समीपता आई है। व्यक्ति के कार्यों में भी पारदर्शिता बढ़ती जा रही है आज व्यक्ति झूठ बोलने से डरता है। क्योंकि उसकी वास्तविक स्थिति सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी के माध्यम से पता चल जाती है(लाइव लोकेशन के माध्यम से)। सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी ने शिक्षा में आमूल-चूक परिवर्तन ला दिया है ।आजकल की शिक्षा तो सूचना संप्रेषण की तकनीकी के बिना पंगु होती जा रही है। इसने शिक्षा को वैज्ञानिकता की ओर बढ़ाया है वर्तमान वैश्वीकरण के युग में सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गई है। शिक्षा में अभिक्रमित अनुदेशन, सहायक अनुदेशन, रेखीय, शाखीय अभिक्रमित अनुदेशन, दूरदर्शन, टेलीविजन, रेडियो इत्यादि के उपयोग ने सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी के महत्व को प्रकट किया है। सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी के महत्वपूर्ण साधन मोबाइल फोन ने भी व्यक्ति का जीवन बहुत आसान बना दिया है। मोबाइल से उसे शिक्षा प्राप्त करने एवं रुपयो-पैसों के लेनदेन करने में आसानी हुई है।

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