शिक्षक की षिक्षण प्रभावशीलता को बढाने में विभिन्न नवाचारों का योगदान
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Published on: Sep 30, 2024
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Co-Authors: सन्तोष शर्मा , पीएचडी शोधार्थी,
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DOI: CIJE2024931029_30
santosh sharma
पीएचडी शोधार्थी, महाराज विनायक ग्लोबल विष्वविद्यालय, जयपुर
Co-Author 1
सन्तोष शर्मा , पीएचडी शोधार्थी,
प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष महाराज विनायक ग्लोबल विष्वविद्यालय, जयपुर
Co-Author 2
डा. विनोद कुमार उपाध्याय
प्रस्तावना - मनुष्य को परमात्मा की सर्वोत्तम कृति कहा गया हैं। फिर भी मनुष्य का स्वभाव गलती करना हैंै गलती में सुधार कर अपने कार्यो को परिष्कृत करने की क्षमता भी मनुष्य में हैं। बालक जन्म से लेकर जीवनपर्यन्त कुछ न कुछ सीखता हैं । बालक सीखने की इस प्रक्रिया में गलती भी करता है गलती करने पर घर के, परिवार के सदस्य व विद्यालय में अध्यापक उन गलतियों के कारण को जानकर उनमें सुधार करवाने का प्रयास करते है। वर्तमानकालीन षिक्षा मे अध्यापक का केंद्र बिंदु विद्यार्थी होता है जिसके माध्यम से वह अपनी शिक्षण प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाता है शिक्षक की शिक्षण प्रभावशीलता में अध्यापक शिक्षा का निरंतर विकास, विकास के सूचक पाठृîचर्या, शोध, इंटर्नशिप कार्यक्रम, नेतृत्वषीलता, क्षमता अभिवर्धन कार्यक्रम, सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी, प्रबंधन व मूल्यांकन इन सभी का महत्वपूर्ण योगदान होता है । ‘शिक्षक‘ शब्द का शाब्दिक अर्थ ‘‘सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को संपादित करने वाला‘‘ चूॅकि सीखने-सिखाने की प्रक्रिया लगातार चलती है, अतः शिक्षक की शिक्षण विकास की आवश्यकता निरंतर बनी रहती है। शिक्षक प्रभावशीलता से तात्पर्य शिक्षक की गुणवत्ता और शिक्षकों की क्षमता दोनों से है इसके लिए शिक्षक को मूल्यांकन आत्मक मानसिकता अपना कर अभ्यास को लगातार बढ़ने की आवश्यकता होती है शिक्षक प्रभावशीलता किसी भी व्यक्ति के भीतर की विशेषता है जो छात्रों के नीतियों को प्रभावित करती है शिक्षक प्रभावशीलता को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह अनुसंधान और लक्ष्य आधारित प्रयासों का समूह है प्रभावशाली शिक्षक के लिए अनुसंधान आधारित रणनीतियों और सृजनात्मकता के बीच संतुलन बनाना जरूरी है