मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता कार्यक्रम : गुणात्मक शिक्षा के संदर्भ में
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Published on: Jun 30, 2024
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DOI: CIJE202492974
Dr Saroj Choudhary
उप प्राचार्या, विवेक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, कालवाड़, जयपुर, राजस्थान Mobile-9414206708 Email-neeruc1979@gmail.com
आधारभूत शिक्षण बच्चे के भावी शिक्षण का आधार है। बोध के साथ पठन, लेखन और मूलभूत गणितीय प्रश्नों को हल करने के मूलभूत कौशलों को प्राप्त न कर पाने से, बच्चा कक्षा-3 के बाद की पाठ्यचर्या जटिलताओं के लिए तैयार नहीं हो पाता है। प्रारंभिक शिक्षण की महŸा को देखते हुए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उल्लेख किया गया है कि “हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता 2025 तक प्राथमिक और उससे आगे सार्वभौमिक मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान प्राप्त करने की होनी चाहिए। इसी कड़ी में निपुण भारत योजना 2021 को भी जोड़ा गया है। इसे वर्ष 2020 में लायी गयी शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए प्रारम्भ किया गया है। भारत सरकार द्वारा 5 जुलाई 2021 को योजना की शुरुआत की गयी। राष्ट्रीय पहल (निपुण भारत) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में प्रत्येक बच्चा अनिवार्य रूप से 2026-27 तक ग्रेड 3 के अंत तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता का ज्ञान प्राप्त कर ले। जिससे उन्हें वर्ष 2026-2027 तक पढ़ने, लिखने व अंक गणित करने की क्षमता मिल सके। मूलभूत साक्षरता व संख्यात्मक ज्ञान विद्याथियों के समग्र विकास में सहायक है।