महादेवी वर्मा के काव्य में रहस्यवाद

DHOORA RAM
रहस्यवाद ज्ञान के पट पर भाव का रंगीन चित्र हैl रहस्यवाद एक प्रकार की भाव चेतन है ,जिसमें आध्यात्मिक प्रणय का एक त्रिभुज बनता है l जिसके शीर्षस्थ बिंदु पर परम पुरुष या परम ब्रह्म स्थित है और नीचे के दोनों बिंदुओं पर क्रमशः जीवात्मा और प्रकृति की स्थिति मानी गई है l महादेव वर्मा इस त्रिभुज का बिम्ब उभारने वाली कुशल साधिका है l जिन्होंने प्रकृति का आलंबन लेकर अपने भावात्मक रहस्यवाद को अभिव्यक्ति दी है l

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