भवन निर्माण में कार्यरत श्रमिक महिलाओं की स्थिति
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Published on: Mar 31, 2024
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DOI: CIJE202491908
Neha Kumari
Neha Kumari, Ph.D Scholar, PG HomeScience Dept. Ranchi University, Ranchi, Jharkhand, Qt. No.-D/137, Hindalco Colony, Muri, Po-Chota Muri, Dist-Ranchi, Jharkhand, Pin-835101
आज महिलाएं 18 घंटे काम करती हैं। विश्व भर ने उनकी मेहनत को नकारा है। 21 वीं सदी में महिलाओं का श्रम बहुत कम रहा। श्रम की इस प्रक्रिया में महिलाओं का योगदान भविष्य को दिखाना असंभव है। पूरे भारत में महिला कामगार घरों, मुहल्ले, खेतों, बस्तियों और हर जगह काम कर रही हैं और करती रहेंगी। श्रम अर्थव्यवस्था के बदलते दौर में किया गया श्रम ही श्रम माना गया है। महिलाओं का कार्य सेवाभाव है। 21वीं सदी में भारत में पूरी-पूरी महिलाएं अपना जीवन श्रम से चलाती हैं। बेटी पैदा होने और पांच साल की उम्र होने के बाद वे काम करने लगते हैं। इस काम को परिवार, समाज, राज्य या देश ने कभी नहीं माना।