डॉ. एनी बेसेंट के शैक्षिक विचारों का आलोचनात्मक विश्लेषण

Ratnee Devi
DEVI RATNEE DEVI RATNEE DEVI, Research Scholar

Co-Author 1

Dr. Preeti Singh, ASSOCIATE PROFESSOR
श्रीमती एनी बेसेंट ने अपनी आध्यात्मिक और राजनीतिक गतिविधियों के अलावा, शिक्षा से संबंधित सुधारों में गहरी रुचि ली। इस दिशा में उनका योगदान वास्तव में बहुत बड़ा है। एक शिक्षाविद् के रूप में, श्रीमती एनी बेसेंट ने सादा जीवन और उच्च विचार को अपना चरित्र बनाया। एनी बेसेंट ने दृढ़ता से महसूस किया कि भारतीय संस्कृति की महानता पश्चिमी शिक्षा के कारण डूब रही है। श्रीमती एनी बेसेंट शिक्षा को जीवन के तात्कालिक और अंतिम दोनों लक्ष्यों को प्राप्त करने का मुख्य साधन मानती हैं। उनके मतानुसार, साध्य के साथ-साथ साधन भी नैतिक रूप से मजबूत होना चाहिए। यदि साधन सही है, तो साध्य की प्राप्ति निश्चित रूप से होगी। उन्होंने साधन को कारण और साध्य को कार्य बताते हुए यह स्पष्ट किया है कि यदि कारण के रूप में शिक्षा उचित और पर्याप्त है, तो साध्य की प्राप्ति अवश्यंभावी है। श्रीमती बेसेंट ने अपने शिक्षा दर्शन के आधार पर शिक्षा से संबंधित विभिन्न सिद्धांतों का निर्माण करने का भी प्रयास किया है तथा शिक्षा के विभिन्न अंगों पर अपने तरीके से विचार भी प्रस्तुत किए हैं। प्रस्तुत शोध पत्र में, अध्ययन को न केवल व्यक्तियों के बीच उत्कृष्टता लाने में बल्कि शिक्षा के संज्ञानात्मक और गैर-संज्ञानात्मक पहलुओं के बीच संभावित अंतर को प्रकट करने के लिए कई दृष्टिकोणों से देखा और समझा जाना चाहिए।

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