ग्रामीण विकास, जन जागरण और मीडिया की भूमिका
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Published on: Sep 30, 2023
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DOI: CIJE202383823
Dr Aradhna Saxena
सह-आचार्य (समाजशास्त्र) राजकीय कला महाविद्यालय, सीकर ईमेल – aradhanasaxena14@gmail.com, मो. 9116778523
आजाद भारत में विकास को लेकर पहली बार जनता, सरकार, अधिकारी एकमत दिख रहे हैं। ७० वर्षों के बाद भी जब हम आप पीछे मुड़ कर देखते हैं तो पायेंगे कि ग्रामीण विकास को लेकर सदैव उदासीनता बरती गयी। योजनाएं थीं, धन आवंटित भी था फिर भी समाज में उस प्रकार का परिवर्तन नहीं दिख रहा था जैसी लोगों की अपेक्षा थी। ऐसा नहीं है कि विगत कई दशकों में विकास हुआ ही नहीं। सडक़ें बनीं, उद्योग लगे, स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण किया गया, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए, गरीबों के लिए सस्ते अनाज की व्यवस्था की गई, किसानों को सस्ते ऋण दिए गए, आपदा के समय ऋण माफी आदि अनेक सामाजिक व आर्थिक विकास के काम किए गए। लेकिन इन सबके बीच गांव की घोर उपेक्षा हुई। भूमंडलीकरण और उदारीकरण के प्रभावों के चलते भारत में औद्योगीकरण की गति बढ़ी। भूमंडलीकरण ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित किया है। भारत में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे गुणात्मक विकास से लोगों में सकारात्मक विकास की एक नई सोच पनपी है। इस नये विचार प्रवाह के निर्माण में मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मीडिया की एजेंडा सेटिंग के परिणामस्वरूप जनमत के निर्माण में व्यापक परिवर्तन देखने को मिला। व्यक्ति, समाज और राष्ट्र आज भी बौद्धिक जगत में चर्चा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय है।