कवि हरिविट्ठल धूमकेतु जी के काव्य में अत्याधुनिक राजनीतिक विसंगतियों एवं विद्रूपताओं का व्यंग्यात्मक विवेचन
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Published on: Mar 31, 2025
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DOI: CIJE20251011086
Sunita Sharma
शोधार्थी हिन्दी-विभाग महात्मा ज्योतिराव फुले विश्वविद्यालय, जयपुर Email-sharmasunita070981@gmail.com, Mob- 9680545351
कवि हरिविट्ठल दूबे ‘धूमकेतु’ वर्तमान साहित्य के प्रसिद्ध व्यंग्यकार है। इनका हिन्दी साहित्य में अद्भुत योगदान है। आप भोपाल मे निवास करते हैं और अपने व्यंग्य काव्य द्वारा साहित्य में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखते है। कवि हरिविट्ठल धूमकेतु हिन्दी साहित्य के उत्कृष्ट एवं मानवीय गुणों से युक्त व्यंग्यकार हैं। कवि धूमकेतु जी ने अपने व्यंग्य काव्य से राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक विसंगतियों एवं विद्रूपताओं के प्रति जनचेतना का प्रयास किया है। उनके द्वारा वर्तमान में धर्म, साहित्य, संस्कृति, राजनीति, समाज और शिक्षा आदि सभी क्षेत्रों में प्रस्तुत विसंगतियों पर करारा व्यंग्य किया गया है।