आपका बंटी – एक विमर्श

DHOORA RAM
सहायक आचार्य–हिंदी (विद्या संबल योजना के अंतर्गत) राजकीय महाविद्यालय देसूरी, जिला–पाली राजस्थान Email-maheshbhaskar1@gmail.com, Mob- 9414441475
कि आपका बंटी बाल विमर्श की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण उपन्यास है Iइस उपन्यास में शकुन के माध्यम से कथा लेखिका ने यह उद्घाटित किया है कि आधुनिक काल की नारी पढ़- लिखकर स्वावलंबी बनाना चाहती है Iउसे अपने निर्णय लेने में पुरुष का दखल स्वीकार नहीं होताI दूसरी तरफ हमारा पुरुष प्रधान समाज पुरानी मानसिकता को छोड़ना नहीं चाहता I परिवार से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय वह खुद लेना चाहता हैI ऐसी स्थिति में शिक्षित समाज के सुखचैन में गिरावट आई है Iअहं भावना एवं पति-पत्नी का एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश के चलते वैवाहिक रिश्ते टूटने लगे हैं I पति-पत्नी द्वारा एक दूसरे की भावनाओं की कद्र नहीं करने के कारण तलाक तक की नौबत तक आ जाती है I तलाक के कारण बंटी जैसे बेगुनाह है बच्चों का जीवन नारकीय हो जाता है I ऐसे बच्चे न केवल मां-बाप बल्कि समाज की अपेक्षा के शिकार हो जाते हैं Iमां-बाप के लाड -प्यार,दुलार से वंचितये बच्चे विकृत मानसिकता वाले बन जाते हैं I लेखिका मन्नू भंडारी ने बालक बंटी को उपन्यास की कथा के केंद्र में रखकर तलाक जनित बाल समस्या को स्वर दिया है I

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