अध्यापक शिक्षा पाठ्यक्रम में अध्ययनरत प्रशिक्षणार्थियों की नैतिक शिक्षा का जीवन मूल्यों पर प्रभाव

Vandana Sharma
VANDANA SHARMA, RESEARCH SCHOLAR, DEPARTMENT OF EDUCATION, APEX UNIVERSITY, JAIPUR

Co-Author 1

DR. MOSAM PAREEK
ASSISTANT PROFESSOR, DEPARTMENT OF EDUCATION, APEX UNIVERSITY, JAIPUR

Co-Author 2

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शिक्षा का सार्वभौमिक उद्देश्य है नैतिकता का विकास। प्राचीन व मध्ययुगीन भारत में धर्म, संस्कृति व शिक्षा परस्पर एक-दूसरे के पर्याय रहे हैं। अतः इस सार्वभौमिक उद्देश्य की प्राप्ति होती रही। प्रत्येक समाज के कुछ नियम तथा आदर्श होते हैं, जिनका पालन करना समाज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक माना जाता है। ये नियम तथा आदर्श नैतिक शिक्षा का ही भाग है। नैतिक शिक्षा व्यक्ति के जीवन के प्रत्येक पक्ष को प्रभावित करती है। इनमें से एक महत्त्वपूर्ण पक्ष है हमारे जीवन मूल्य। प्रस्तुत शोध में अध्यापक शिक्षा पाठ्यक्र में अध्ययनरत प्रशिक्षणार्थियों की नैतिक शिक्षा का जीवन मूल्यों पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया गया है, क्योंकि छात्राध्यापक राष्ट्र निर्माता है तथा नैतिकता समयकाल व परिस्थिति की आदर्श उपज होती है जिसका पालन समाज करता है। शिक्षा समाज का आईना होती है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अपनी स्थिति को ज्ञात कर उत्कृष्ट राष्ट्र का पोषक बन सकता है।

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